गर्मी में झुलस रहा उत्तर भारत मानसून की राह देख रहा है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि 1 से 18 जून तक 20 फीसदी कम बारिश हुई। इस दौरान सिर्फ $4.5mm पानी बरसा। जबकि इस दौरान 80.6mm बारिश होती है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले यानी 30 मई को ही मानसून पहुंच गया था और कई राज्यों को कवर भी कर गया। लेकिन 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। इसके चलते उत्तर भारत में हीटवेव चल रही है।
मौसम विभांग का कहना है कि अगले दो दिन में मानसून रफ्तार पकड़ेगा। यह महाराष्ट्र के विदर्भ को पार करते हुए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बड़े हिस्से में पहुंचेगा। इसी दौरान असम, मेघालय सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश होगी।
मानसून: कहां पहुंचा, कहां अटका
मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था।
18 जून तक मानसून गुजरात के नवसारी, महाराष्ट्रके जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत (LPA) से कम रहेगा।