क्या पीएम मोदी एक्टिव राजनीति से संन्यास लेने वाले हैं ? ये सवाल हम नहीं उठा रहे बल्कि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इशारों-इशारों में ऐसा कह रहे हैं। दरअसल, यह पूरा मामला पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाजपा मार्गदर्शक मंडल में शामिल होने के बाद उठा है।
सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ। भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट के इस स्क्रीनशॉट पर नरेंद्र मोदी और सीनियर भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की फोटो दिखाई देती है। फोटो के ऊपर लिखा है – मार्गदर्शक मंडल।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निगार परवीन नाम की वेरिफाइड यूजर ने लिखा- स्वागत नहीं करोगे मोदी जी? भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो गए हैं। जल्द ही पूर्व भी हो जाएंगे?
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कांग्रेस नेता प्रशांत कनोजिया ने भी इस घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए लिखा- भाजपा ने अपने आधिकारिक मार्गदर्शक मंडल में मोदी और राजनाथ सिं को शामिल किया। आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ मार्गदर्शक मंडल में अब चार लोग हैं। पांच साल पूरे करने से पहले ही बाहर का रास्ता दिखाना शुरू।
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क्या है वायरल दावे की सच्चाई ?
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट के प्रेस रिलीज सेक्शन को स्कैन किया। साथ ही गूगल पर ओपन सर्च की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की, कि क्या पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हाल फिलहाल में मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया है या ये पहले से इसका हिस्सा रहे हैं।
पड़ताल के दौरान हमें भारतीय जनता पार्टी की एक प्रेस रिलीज मिली। 26-08-2014 की प्रेस रिलीज में लिखा था- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित भाई शाह जी ने पार्टी की गतिविधियों के मार्गदर्शन हेतु निम्न वरिष्ठ नेताओं की मार्गदर्शक मण्डल के नाते नियुक्ति की है: श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री नरेन्द्र भाई मोदी, श्री लालकृष्ण आडवानी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, श्री राजनाथ सिंह।
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जांच के दौरान हमें इंडिया टुडे का एक ट्वीट भी मिला। 26 अगस्त 2014 को किए गए इस ट्वीट में लिखा था- बीजेपी संसदीय बोर्ड के मार्गदर्शक मंडल में नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह शामिल किए गए।
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स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह मार्गदर्शक मंडल में अभी नहीं बल्कि साल 2014 से शामिल हैं। ऐसे में ये दावा कि दोनों नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में इसलिए शामिल किया गया ताकि एक्टिव राजनीति से बाहर किया जा सके पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।