विगत कई वर्षों से नगर निगम बिलासपुर द्वारा शहर के 3 मुक्तिधामों, सरकंडा, भारतीय नगर एवं दयालबंद में गैस द्वारा संचालित अंत्येष्टि भट्ठी (गैस क्रीमेशन फर्नेस) लगा के छोड़ दिया गया है। इसका आज तक न कोई उपयोग हुआ और शायद इसको बनाने वाली कंपनी ने इसे कभी चालू ही किया। आज जब पर्यावरण प्रदूषण अत्यंत कम करने में सहायक इस उपकरण का उपयोग आसानी से किया जा सकता है जिससे कम से कम कार्बन उत्सर्जन से वायु, राख रहित होने से जल प्रदूषण अत्यंत कम हो सकता है तब भी पता नहीं जिम्मेदार अधिकारी इसे आरंभ क्यों नहीं कर पा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रोटरी, लायंस जैसी समाज सेवी संस्थाएं चाह रही हैं कि एक बार इसे आरंभ करके उनके सुपुर्द कर दिया जाए जिससे कि वह इसका संचालन एवं मेंटेनेंस आदि की व्यवस्था कर लें। आशा है की कबाड़ में परिवर्तित होने से पूर्व इन उपकरणों को लोक कल्याण हेतु लोकार्पण हो जाए
बी.एड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द की थी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (4 जुलाई) को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस फैसले की वैधता पर विचार करने पर सहमति जताई, जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में बी.एड…